डालीगंज मेले की शुरुआत लगभग 200 वर्ष पूर्व नवाबों के समय की मानी जाती है।
डालीगंज मेले की शुरुआत लगभग 200 वर्ष पूर्व नवाबों के समय की मानी जाती है।
इसे डालीगंज का कतकी मेला या बुडककी मेला भी कहा जाता है।
इसे डालीगंज का कतकी मेला या बुडककी मेला भी कहा जाता है।
यह मेला चीनीमिटटी के बने हुए बर्तनो के लिए काफी मशहूर है, यहाँ आपको काफी काम दामों में यह सामान उपलब्ध हो जाता है।
यह मेला चीनीमिटटी के बने हुए बर्तनो के लिए काफी मशहूर है, यहाँ आपको काफी काम दामों में यह सामान उपलब्ध हो जाता है।
मेले में लकड़ी के बने सामान हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते है।
मेले में लकड़ी के बने सामान हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते है।
कतकी मेले में हलुवा पराठा, अमेरिकन भुट्टा , टिक्की बताशे, मटर, तंदूरी चाय आदि चीजों का लुफ्त उठाया जा सकता है।
कतकी मेले में हलुवा पराठा, अमेरिकन भुट्टा , टिक्की बताशे, मटर, तंदूरी चाय आदि चीजों का लुफ्त उठाया जा सकता है।
इस मेले में घर में उपयोग किये जाने वाली हर वस्तुएँ कम दामों में मिल जाती है।
इस मेले में घर में उपयोग किये जाने वाली हर वस्तुएँ कम दामों में मिल जाती है।