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इस चमत्कारी मंदिर के केवल दर्शन मात्र से ही बदल जाती है भक्तों की किस्मत। 

इस चमत्कारी मंदिर के केवल दर्शन मात्र से ही बदल जाती है भक्तों की किस्मत। 

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दुनिया के कई चमत्कारी मंदिरो में से असम के कामाख्या में स्थित माता कामख्या का मंदिर काफी रहस्मयी व चमत्कारी माना गया है।

दुनिया के कई चमत्कारी मंदिरो में से असम के कामाख्या में स्थित माता कामख्या का मंदिर काफी रहस्मयी व चमत्कारी माना गया है।

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यह स्थान असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 13 किमी पर स्थित है।

यह स्थान असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 13 किमी पर स्थित है।

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यह स्थान तंत्रविद्या साधकों के लिए सबसे प्रिय मानी जाती है।

यह स्थान तंत्रविद्या साधकों के लिए सबसे प्रिय मानी जाती है।

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यह मंदिर वर्ष में 5 दिनों ( रजस्वला समय ) के लिए बंद कर दिया जाता है।

यह मंदिर वर्ष में 5 दिनों ( रजस्वला समय ) के लिए बंद कर दिया जाता है।

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रजस्वला के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लाल रंग जैसा प्रतीत होता है।

रजस्वला के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लाल रंग जैसा प्रतीत होता है।

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इस मंदिर में मादा पशुओं की बलि देना अवैध है केवल नर पशुओ की ही बलि दी जा सकती है।

इस मंदिर में मादा पशुओं की बलि देना अवैध है केवल नर पशुओ की ही बलि दी जा सकती है।

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ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओ की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओ की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

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नवंबर से मई तक का समय असम घूमने के लिये सबसे अच्छा माना गया है।

नवंबर से मई तक का समय असम घूमने के लिये सबसे अच्छा माना गया है।

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यदि आप जून में कामाख्या मंदिर जाते है तो आप अम्बुबाची मेला भी देख सकते है जो की 22 जून को शुरू होकर 26 जून तक चलेगा।

यदि आप जून में कामाख्या मंदिर जाते है तो आप अम्बुबाची मेला भी देख सकते है जो की 22 जून को शुरू होकर 26 जून तक चलेगा।

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इसी तर्ज पर UP के लखीमपुर खेरी में मेढक मंदिर है।  बतया जाता है की यह भी तांत्रिक विद्या के लिये बनाया गया था।

इसी तर्ज पर UP के लखीमपुर खेरी में मेढक मंदिर है।  बतया जाता है की यह भी तांत्रिक विद्या के लिये बनाया गया था।