क्या आपको पता है कि किसी भी शुभ कार्य में इन्हें सर्वप्रथम क्यों पूजते है, इसके पीछे एक पौराणिक कथा है।
इस प्रतियोगिता के अनुसार जो भी देवता इस ब्रम्हांड की परिक्रमा लगाकर सबसे पहले उपस्थित होगा उसे वह उपाधि प्रदान की जाएगी।
गणेश जी ने अपनी बुद्धि का परिचय देते हुए भगवान शिव और माता पार्वती परिक्रमा लगायी।
यह उत्तर सुनने के बाद देवताओं ने उन्हें प्रणाम किया और सर्वश्रेठ देवता होने की बात मानी।