क्या है हैलोवीन डे की पूरी कहानी ,क्यों बनते हैं लोग इस दिन भूत ?

आखिर क्यों हैलोवीन डे को प्रेत आत्माओं का त्याेहार कहा जाता है ,क्या है इसका कारण ?

पश्चिमी देशों में हॉलोवीन या हैलोवीन (Halloween) को मनाने की बहुत पुरानी परंपरा चली आरही है ।

31 अक्टूबर की रात वहां के लाेग अलग-अलग तरह के डरावने कपड़े पहन कर पार्टियों का आयोजन करते हैं ।

भारत में भी हैलोवीन डे को मनाने का ट्रेंड शुरू हो चुका है,यहाँ भी कई जगहों पर ये दिन सेलिब्रेट किया जाता है ।

इस दिन कद्दू से कलात्मक तरीके से सजावट की जाती है इसे जैक ओ लैंटर्न कहा जाता है ।

इसका मतलब होता है भटकती आत्मा का चेहरा जिसे न स्वर्ग में जगह मिली और न ही नर्क में।

आयरिश मान्यताओं के अनुसार बुरी आत्‍माएं धरती पर आकर कुछ किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं ।

उन्‍हें डराने और फसल से दूर रखने के लिए किसान खुद डरावने कपड़े पहन लेते थे।

वहीं हैलोवीन में बनाया और जलाया जाने वाला कद्दू का लालटेन पूर्वजों का प्रतीक माना जाता है ।

इस दिन लोग कद्दू को खोखला कर उसमें नाक,आंख और मुंह बनाते हैं ।

और कद्दू के मुंह के अंदर मोमबत्ती जलाकर दरवाजे या पेड़ पर टांगते हैं,जिससे बुरी आत्‍माएं घर में प्रवेश न करें ।