चंद्रयान -3 की होने वाली थी लैंडिंग ,सिर्फ 17मिनट पहले AI ने शुरू किया अपना काम

दरअसल 17 मिनट्स मे पिछलिबार चंद्रयान 2 का मिशनफेल हुआ था,लैंडिंग से ठीक पहले के 17 मिनट को ऑफ टेरर कहते हैं ।

17 मिनट मे ISRO कोई भी कमांड लैंडर को नहीं देता है,इस दौरान लैंडर को लैंडिंग के लिए कई काम करने होते हैं ।

इसे ऐल्टीट्यूड अडजेस्टमेंट ,थ्रस्टर को शुरू करना ओर चाँद की सतह को स्कैन करना होता है जिससे लैंडिंग के रास्ते में कोई बाधा ना आए ।

लैंडिंग के इन्न आखिरी पलों में AI ही विक्रम लंदर का सार्थी था ।

लैंडर को मशीन लेर्निंग की मदद से AI कंट्रोल करेगा ये इसरो ने पहले ही कनफर्म किया था ।

लैंडर से पहले सतह को स्कैन करने के लिए AI का इस्तेमाल किया गया था ।

जिससे लैंडिंग के रास्ते में आने वाली रुकावट का पता लगाया जा सकता है ।