भगवान श्री कृष्णा की पूजा में खीरा क्यों आवश्यक है ?

भगवान श्री कृष्ण को विष्णु भगवान का आठवां अवतार माना गया है।

इनका जन्म भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्षं की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इन दिन को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।

जन्माष्टमी की पूजा में खीरे का होना अति आवश्यक माना जाता है ऐसा क्यों आइये जानते है।

इन दिन पूजा में ऐसे खीरे को प्रयोग में लाया जाता है जिसमें डंठल के साथ साथ पत्तियां भी लगी हो।

जिस प्रकार किसी स्त्री के गर्भ से निकले नवजात को उसे नाल से अलग कर दिया जाता है वैसे भी इस खीरे को भी डंठल अलग करके भगवन कृष्ण का जन्म मानते है।

जन्म के समय खीरे और डंठल को अलग करने के लिए सिक्के का प्रयोग करते है और फिर खीरे को प्रसाद के रूप में वितरित कर दिया जाता है।

इस कारण जन्माष्टमी की पूजा में खीरे का होना अति आवश्यक माना गया है।