सेंगोल रजत और स्वर्ण धातु से बना एक स्मृति चिन्ह जिसे चोल वंश से अब तक सत्ता के फेरबदल के रूप में इसे भेंट स्वरूप दिया जाता था।

सेंगोल की लम्बाई 5 फ़ीट है जिस पर राजसी नंदी बैल की आकृति बनी हुयी है।

इसका निर्माण तमिलनाडु के प्रसिद्ध जौहरी वुम्मुदी एथिराजालु एवं उनके बड़े भाई ने 1946 में करा था।

अब तक, सेंगोल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक संग्रहालय में रखा गया था।

28 मई 2023 को इसे भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नई संसद में स्थापित किया जायेगा।

नयी संसद में इसे स्पीकर के पास स्थापित करने की बात कही गयी है ।

सेंगोल को तमिल परम्परा के अनुसार पूरी विधि विधान के साथ संसद में स्थापित किया जायेगा।

'सेन्गोल' को स्वीकार करने वाले से एक न्यायपूर्ण और निष्पक्ष नियम प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है।