छींक रोकने से क्या क्या नुकसान हो सकते है ?

सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोगों को सर्दी जुखाम की समस्या होती है।

लगातार 4 से 5 दिनों तक व्यक्ति छींक और खांसी से परेशान रहता है।

समाज में छींक को शुभ और अशुभ नजर से भी देखा जाता है इसलिए कई व्यकित अपनी छींक को रोक भी लेते है।

लेकिन क्या आपको पता है छींक रोकने से आपको कई और प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है,आइये जानते है क्या है ये समस्याएं।

छींक रोकने से शरीर के अन्य अंगो पर दबाव बढ़ता है, जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।

छींक आने से नाक में फंसे धूल कण साफ़ हो जाते है यदि आप छींक रोकते है तो आपकी नाक साफ़ नहीं हो पाती है।

छींक को रोकने से फेफड़ों में दबाव बढ़ सकता है, जो अस्थमा और अन्य श्वासनलीय बीमारियों को बढ़ा सकता है।

छींक रोकने के प्रयास में, आपके नाक और मुंह की मांसपेशियों में दर्द और दिक्कतें हो सकती हैं।

छींक को रोकने के प्रयास में, शरीर के अन्य भागों में दर्द और तनाव का अनुभव हो सकता है।