टायर का रंग आखिर कला ही क्यों होता है ? जानिये क्या है असली वजह 

मानव की सबसे बड़ी उपलब्धि आज से करीब 6000 वर्ष पूर्व हुई जब उसने लकड़ी के लट्ठे पर सामान रख उसे उसे पहिये के रूप प्रयोग करना सीखा।

समय के साथ साथ इस पहिये में परिवर्तन होते गए और आज गाड़ियों और मोटर साइकिलों में टायरयुक्त पहियों का प्रयोग किया जाता है।

मॉडर्न टायर का अविष्कार सन 1846 में स्कॉटिश इंजीनियर रॉबर्ट विलियम थॉमसन ने किया था।

आपको जान कर हैरानी होगी कि करीब 125 वर्ष पूर्व तक टायर का रंग सफ़ेद था क्योकि उस समय टायर में रबर का प्रयोग किया जाता था।

इसके बाद इसमें कार्बन कम्पाउंड का प्रयोग किया जाने लगा जिसकी वजह से इसका रंग काला हो गया।

टायर की गुणवत्ता को अच्छा बनाने के लिए इसमें कार्बन का प्रयोग किया जाता है।

टायरो में प्रयुक्त ब्लैक कार्बन इसे गर्म होने से बचाते है तथा टायरों को ओजोन और अल्ट्रावायलेट की हानिकारक किरणों से बचाते है।