ट्विन टावर से जुड़ी कुछ खास बातें

ट्विन टावर

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 28 अगस्त 2022 को ट्विन टावर गिरा दिया गया |

यह नोएडा के सेक्टर 93 A में स्थित था | इसे गिराने से पहले इसका रिहर्सल 25 अगस्त को किया गया | 

इन दोनों दिनों में नोएडा और ग्रेटर नोएडावासियों को सड़कों पर जाम, एयर डस्टिंग आदि समस्याओं से जूझना पड़ा | 

कोर्ट ने बताया इमारत को अवैध 

सुप्रीम कोर्ट ने इस इमारत के सुरक्षा मानकों में काफी कमियां पायी | जैसे कि ट्विन टावर में भूतल समेत 9 फ्लोर के 14 टावर बनने थे |

लेकिन इसे काफी ऊंचा बना दिया गया था |

सुरक्षा मानकों के अनुसार 2 टावरों के बीच कम से कम 16 मीटर की दूरी होनी चाहिए | जबकि दोनों के बीच 10 मीटर से भी कम का अंतर था |

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने इसके बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण पर मुहर लगाई |  

आधुनिक तकनीकी द्वारा गिराई गयी बिल्डिंग 

सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने के लिए बारूद का इस्तेमाल किया गया था |

इस बिल्डिंग में अपैक्स टावर में 32 और सियान टावर में 29 फ्लोरों पर बारूद लगाया गया | 

दोनों बिल्डिंग में नॉन इलेक्ट्रॉनिक वायर जोड़ कर इस बिल्डिंग को 28 अगस्त के दिन गिराया गया |

ट्विन टावर गिरने से लोगों में दहशत

नजदीकी रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों में बिल्डिंग गिराए जाने का पर काफी डर देखने को मिला |

लोगों में यह डर था कि धमाके से किसी का नुकसान न हो जाये | 

उस दिन इस इलाके को पूरी तरह से खाली कर लिया गया था | यह इसलिए किया गया ताकि किसी को जानमाल की हानि न हो | 

8 अगस्त की दोपहर से नोएडा – ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को 1 घंटे के लिए बंद कर दिया गया था |

यातायात बाधित न हो इसके लिए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने पहले ही अपनी योजना बना ली थी | 

प्लान के अनुसार दिल्ली – नोएडा से ग्रेटर नोएडा की ओर जाने वाले ट्रैफिक को महामाया फ्लाईओवर के पास सेक्टर – 37 , सिटीसेंटर , सेक्टर – 71 होकर फेज 2 की ओर निकला गया  | 

ट्विन टावर

टावर गिरने के बाद क्या हो सकते है परिणाम 

सुपरटेक ट्विन टावर गिरने के बाद लगभग 35000 घन मीटर मलबा निकला  |

साथ से साथ धूल का गुबार देखने को मिलेगा जो काफी समय तक हवा में उपस्थित रहा | 

पूरा खर्चा सुपरटेक् कंपनी को ही उठाना होगा 

दोनों टावरों को गिराने में आने वाला खर्च सुपरटेक कंपनी को ही देने पड़े |

नोएडा अथॉरिटी की CEO रितु महेश्वरी ने इस विषय पर जानकारी दी |

उन्होंने बताया कि इस अवैध इमारत का निर्माण लगभग 50 हज़ार वर्गमीटर में किया गया था | 

इस टावर को गिराने की पूरी जिम्मेदारी एडिफिस कंपनी को दी गयी थी |

एडिफिस ने इससे पहले साऊथ अफ्रीका में 108 मीटर ऊंची बिल्डिंग गिरायी |

इस बिल्डिंग को कंट्रोल ब्लास्ट और वाटरफॉल तरीके से सफलतापूर्वक नीचे गिराया था | 

अंत में उन्होंने जानकारी दी कि ट्विन टावर गिराने में सुपरटेक कंपनी सारा खर्च किया |इसे गिरने मे लगभग 17. 50 करोड़ रुपए खर्चा आया |  

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