
बीते कुछ वर्षो से भारत लगातार खेल के क्षेत्र में तरक्की कर रहा है | और अपना नाम रोशन कर रहा है | हमारे देश ने खेल के हर क्षेत्र में कई गोल्ड मेडल्स अपने नाम किये है | भारत का खेल से रिश्ता आज का नहीं बल्कि काफी पुराना है | आजादी से पूर्व सन 1934 में भारत ने पहली बार राष्ट्रमंडल खेल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई |
क्या आप जानते है ? राष्ट्रमंडल खेल किसे कहते है ?
ये खेल पहली बार कब और कहाँ आयोजित किये गए ? यदि नहीं | तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए काफी सुविधाजनक साबित होगा |
इसमें आपको राष्ट्रमंडल खेल से जुडी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होंगी | इसलिए इसे शुरू से अंत तक पूरा पढ़े |
राष्ट्रमंडल खेल क्या है ?
अंतरराष्ट्रीय बहु – खेल प्रतियोगिता को राष्ट्रमंडल खेल या कॉमनवेल्थ गेम कहा जाता है | इस प्रतियोगिता में राष्ट्रमंडल देशों के एथलीट शामिल होते है |
विश्व स्तर पर आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता के अंतर्गत एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाज़ी, साइकिलिंग, तलवारबाज़ी, निशानेबाज़ी, तैराकी, डाइविंग, भारोत्तोलन और कुश्ती जैसे खेल शामिल है |
राष्ट्रमंडल खेल का इतिहास
एश्ली कूपर वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने लोगों के अंदर प्रेम और सदभावना बनाये रखने के लिए एक अखिल ब्रितानी खेल कार्यक्रम करने का विचार किया |
वर्ष 1928 में कनाडा के प्रमुख एथलीट बॉबी रॉबिन्स को पहला राष्ट्रमंडल खेल आयोजन कराने का जिम्मा सौंपा गया |लगभग पूरी तैयारी हो जाने के बाद वर्ष 1930 में कनाडा के हैमिल्टन शहर में इस खेल का आयोजन किया गया |
जिसमे 11 देशों के 400 खिलाड़ियो ने हिस्सा लिया |तब से यह खेल हर चार वर्षो के अंतराल पर विश्व के विभिन्न देशों में आयोजित किया जाता है |
वर्ष 1942 और 1946 में द्रितीय विश्व युद्ध के कारण राष्ट्रमंडल खेल को स्थगित करना पड़ा था |राष्ट्रमंडल खेल को कई नामों से जाना जाता है जैसे ब्रिटिश एम्पायर गेम, फ्रेंडली गेम और ब्रिटिश कामनवेल्थ गेम |
सन 1954 के दौरान इस खेल को ब्रितानी साम्राज्य खेल के नाम से जाना गया | वर्ष 1978 के बाद इसका नाम राष्ट्रमंडल खेल रख दिया गया |
राष्ट्रमंडल खेल में भारत का शुरुआती दौर
- दूसरा कॉमनवेल्थ गेम 4 अगस्त 1934 को लंदन (इंग्लैंड) शहर के वेम्ब्ले पार्क में आयोजित किया गया |
- राष्ट्रमंडल खेल को उस समय ब्रिटिश एम्पायर गेम के नाम से जानते थे |
- इसी वर्ष भारत भी इस खेल प्रतियोगिता का हिस्सा बना |
- भारत उस समय खेल के क्षेत्र में इतना विकसित नहीं हो पाया था |
- यहाँ के लोगों में खेलों के प्रति इतनी जागरूकता नहीं थी |
- उस समय राष्ट्रमंडल खेल में भारत ने 1 कांस्य पदक जीतकर अपना खाता खोला |
- यह कांस्य पदक एथलीट राशिद अनवर ने 74 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती जीत कर अपने नाम किया |
- तीसरे कॉमनवेल्थ गेममें भारत को फिर एक बार निराशा का सामना करना पड़ा |
- इस वर्ष भारत को एक भी पदक नहीं मिल सके |
- वर्ष 1942 और1946 में दूसरे विश्व युद्ध के कारण इन खेलों का आयोजन नहीं हो सका |
- वर्ष 1947 में भारत ब्रिटिश शासन से आज़ाद हुआ और एक नई सरकार के गठन में व्यस्त होने के कारण वर्ष 1950 के कॉमनवेल्थ गेम में शामिल नहीं हो पाया |
- आजादी के बाद भारत में खेल का विस्तार हुआ उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने खेल के क्षेत्र में काफी कार्य किये |
- जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 1958 में कुल 3 पदक और वर्ष 1966 में 10 पदक जीत कर भारत ने राष्ट्रमंडल खेल में अपनी छाप छोड़ दी |
- भारत निरंतर खेल में प्रगति करता गया और इसकी झोली में पदकों की संख्या बढ़ती गयी |
भारत के कुछ एथलीट जिन्होंने रचा इतिहास
वैसे तो कॉमनवेल्थ गेम में खेलने वाला हर एक एथलीट अपने देश का नाम रोशन करने की पूरी कोशिश करता है |
लेकिन कुछ के नाम हमेशा याद रह जाते है | इन्हीं एथलीटों में नाम आता है महान धावक मिल्खा सिंह का |
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनके काफी फैंस है |
भारतीय महिला एथलीटों ने भी किया नाम रोशन
अक्सर लोग खेल के मामलों में पुरुषों को आगे समझते हैं, पर राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिये यह स्थिति इसके बिलकुल विपरीत है | इन खेलों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी अपनी प्रतिस्पर्धा दिखाई है औरभारत ही नहीं पुरे विश्व में अपना नाम रोशन किया |वर्ष 2018 में टेबल टेनिस खिलाड़ी मोनिका बत्रा ने कुल चार पदक जीते जिसमे दो स्वर्ण पदक थे |

2010 में भारत भारत ने की थी राष्ट्रमंडल खेल की मेजबानी
2010 का कॉमनवेल्थ गेम भारत के लिए काफी खास रहा |यह उन्नीसवाँ राष्ट्रमंडल खेल भारत की राजधानी नई दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में संपन्न कराया गया |
3 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 2010 तक चलने वाली यह खेल प्रतियोगिता में कई देशों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया |भारत एशिया का दूसरा देश बना जहाँ वर्ष 2010 में राष्ट्रमंडल खेल का आयोजन किया गया |
जबकि एशिया महादीप में पहली बार वर्ष 1998 में कुआलालम्पुर (मलेशिया) में इन खेलों का आयोजन किया गया था | राष्ट्रमंडल खेल के इतिहास में भारत के लिए साल 2010 काफी खास रहा |
भारत ने वर्ष 2010 में सबसे अधिक पदक जीत कर विश्व में अपना नाम रोशन किया है |वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेल में भारत ने कुल 101 पदक जीते जिसमें 38 स्वर्ण, 27 रजत, 36 कांस्य पदक शामिल है |
वर्ष 2010 के कॉमनवेल्थ गेम में निम्नलखित खेलों को शामिल किया गया |
- तीरंदाजी
- स्विमिंग
- बैडमिंटन
- मुक्केबाजी
- साइक्लिंग
- जिम्नास्टिक
- हॉकी
- लॉनबॉल
- नेटबॉल
- रगबी
- शूटिंग
- स्कैश
- टेबल टेनिस
- टेनिस
- भारोत्तोलन
- कुश्ती
- एथलेटिक्स

कामनवेल्थ 2022 में भारत की स्थिति

खेल के क्षेत्र में वर्ष 2022 भारत के लिए बेहद ख़ास है |
इस खेल में विश्व के कई देशो ने प्रतिस्पर्धा दिखाई जबकि भारत ने अपनी अलग ही छाप छोड़ी है |
इस वर्ष भारत ने राष्ट्रमंडल खेल में कुल 61 पदकों (22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य) को अपने नाम किया है | बजरंग पुनिया, दीपक ने इस खेल में स्वर्ण जीत कर एक अलग ही पहचान बनाई है |
मेडल टैली 2022
POS
Team
G
S
B
Total
1
Australia
67
57
54
178
2
England
57
66
53
176
3
Canada
26
32
34
92
4
India
22
16
23
61
5
NZ
20
12
17
49
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