Gandhi maidan : जब पटना के इस स्थान से जेपी नारायण ने इन्द्रा गाँधी के खिलाफ फूंका था बिगुल

Patna gandhi maidan aireal view

यह बात उस समय की है जब आजादी के 25 वर्ष बीत जाने के बाद भारत में कुछ राजनीति दल के नेता सरकार की नीतियों से नखुश थे उस समय कांग्रेस की सरकार के खिलाफ बिहार के Gandhi maidan में एक विशाल जनसभा बुलाई गयी, जिसकी अध्यक्षता जेपी नारायण द्वारा की गयी, इसी जनसभा से “ सम्पूर्ण क्रांति “ का आगाज हुआ, तो आइये इस आंदोलन के बारे में कुछ खास जानकारी हासिल करते है।

कैसे बांकीपुर मैदान का नाम Gandhi maidan पड़ा ?

 बांकीपुर मैदान के स्थान पर गाँधी मैदान नाम देने का प्रस्ताव मुजफ्फरपुर के रहने वाले एक शिक्षक का था, इन्होने वर्ष 1948 में गाँधी जी की हत्या के बाद इस स्थान को गाँधी मैदान नाम रखने का प्रस्ताव उच्च अधिकारियो को सौपा, शिक्षक ने अपने प्रस्ताव में कहा कि यह वही स्थान है जहाँ गाँधी जी को बापू नाम की पहचान मिली, इसलिए उनके नाम को स्मरण रखने के लिए इसे गाँधी मैदान नाम दिया जाये, शिक्षक के इस प्रस्ताव पर अधिकारियों ने अपनी स्वीकृति देते हुए इसे गाँधी मैदान का नाम दिया।

जब Gandhi maidan में कांग्रेस के खिलाफ की गयी थी जनसभा 

5 जून 1974 को बिहार के पटना जिले में गाँधी मैदान से लोकनायक जय प्रकाश नारायण ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्रा गाँधी के खिलाफ एक जनसभा का आगाज किया, जिसमें शामिल होने के लिए करीब 5 लाख से अधिक लोग गाँधी मैदान में इक्कट्ठा हुए थे। इस जन सभा में पहली बार उनके लोकप्रिय नेता जे पी नारायण  द्वारा “ सम्पूर्ण क्रांति “ शब्द का इस्तेमाल किया उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति शब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि, “ मेरा उद्देश्य समाज के सबसे अधिक दबे कुचले लोगों को सत्ता के शिखर तक पहुंचाना है और ये प्रयास में इस क्रांति के जरिये जारी रखूँगा “।

जनसभाओं से है Gandhi maidan का पुराना नाता

famous indian freedom fighter

इस मैदान में अब तक न जाने कितनी जनसभाएं आयोजित की जा चुकी है, जिसमें राजनीति के बड़े नेताओं ने अपनी आवाज जनता तक पहुंचायी है। आइये एक नजर में देखते है कि गाँधी मैदान में अब तक किन किन नेताओं और क्रांतिकारियों ने अपनी जनसभायें की।  

गाँधी जी की जनसभा

जनवरी 1918, में महात्मा गाँधी जी ने अपने सत्याग्रह के आंदोलन को जारी रखते हुए एक विशाल जन सभा का आयोजन बिहार के पटना जिले में भी किया उस समय इस आंदोलन से जुड़ने वाले लोगो की तादात ज्यादा थी इसलिए पटना के बांकीपुर मैदान को इस जन सभा के लिए उचित समझा गया।

Gandhi maidan में मोहम्मद अली जिन्ना की जनसभा 

वर्ष 1938, में तत्कालीन मुस्लिम लीग के प्रमुख मोहम्मद अली जिन्ना ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एक रैली बुलाई, जिसे उस समय गाँधी मैदान में आयोजित किया गया था। 

सुभाष चंद्र बोस और जेपी की जनसभाएं 

वर्ष 1939 में नेता जी ने अपनी पार्टी फॉरवर्ड ब्लॉक की पहली रैली इसी ऐतिहासिक मैदान में की थी, इनके अलावा गाँधी मैदान में पं. जवाहर लाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, राम मनोहर लोहिया, अटल बिहारी बाजपाई जैसे बड़े नेताओ ने अपनी बातों को जनता तक पहुंचायी। 5 जून 1974 में लोक नायक जेपी नारायण ने महात्मा Gandhi maidan से ही एक विशाल जन सभा का आयोजन किया।

Gandhi Statute at Patna Gandhi Maidan

और क्या खास है गाँधी मैदान में

यहीं पर महात्मा गाँधी को बापू नाम दिया गया

आज़ादी से पूर्व महात्मा गाँधी के सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत बिहार के चंपारण स्थान से प्रारम्भ हुई, यहां की जनता को सम्बोधित करने के लिए गाँधी जी ने पटना के बांकीपुर मैदान में एक विशाल जनसभा को आयोजन किया, जनवरी 1918 यह वही समय था जब गाँधी जी को इसी मैदान से बापू नाम से पुकारा गया।

विश्व की सबसे ऊंची महात्मा गाँधी की मूर्ति

बिहार के पटना शहर में स्थित गाँधी मैदान में विश्व की सबसे ऊँची गाँधी जी की प्रतिमा का लोकार्पण साल 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया, इस मूर्ति की ऊंचाई करीब 40 फ़ीट है और 32 फ़ीट ऊंचे प्लेटफार्म पर रखे जाने के बाद इसकी कुल ऊंचाई 72 फ़ीट हो जाती है। लोकार्पण के बाद मुख़्यमंत्री नितीश कुमार ने मीडिया के प्रश्नो का जवाब देते हुए कहा कि इस मैदान में लगी यह मूर्ति गाँधी जी के आदर्शो को याद दिलाने में मदद करेगी। 

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में आपको Gandhi maidan पटना में आयोजित जेपी नारायण की उस जनसभा के बारे में बताया गया जिसमे उन्होंने कांग्रेस का विरोध करते हुए पहली बार सम्पूर्ण क्रांति शब्द का इस्तेमाल किया उम्मीद करते है यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हुई होगी ऐसी ही खास जानकरियों से रूबरू होने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर विजिट कर सकते है।

FAQ

पहले इस मैदान का नाम बांकीपुर मैदान था, लेकिन महात्मा गाँधी जी की हत्या के बाद उनके नाम को स्मरण रखने के लिए इस मैदान का नाम रख दिया गया। 

मुज्जफरपुर के रहने वाले एक शिक्षक ने उच्च अधिकारियो के सामने इस मैदान का नाम बाकीपुर मैदान नाम बदलकर गाँधी मैदान रखने का प्रस्ताव दिया। जिसके बाद अधिकारियो को शिक्षक का यह प्रस्ताव पसंद आया और उन्होंने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई। 

गाँधी मैदान में स्थित गाँधी प्रतिमा की ऊंचाई 40 फ़ीट है।

वर्ष 1918 में बिहार के चम्पारण से प्रारम्भ सत्याग्रह आंदोलन को सम्बोधित करने के लिए गाँधी जी ने इसी मैदान में अपनी विशाल जन सभा बुलाई।

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