गणेश चतुर्थी लायेगी आपके जीवन में सुख और समृद्धि

Ganesh chaturthi

भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है क्योंकि यहाँ हर एक त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन त्योहारों में गणेश चतुर्थी भी एक है | गणेश चतुर्थी भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है |

गणेश चतुर्थी को बप्पा घरों और पंडालों में विराजमान हो जाते है | और 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी को बप्पा का विसर्जन किया जाता है | 

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि में मध्यकाल के स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था |

गणेश चतुर्थी का महत्व 

वैसे तो भारत के हर कोने में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है | लेकिन महाराष्ट्र में इसकी मान्यता अधिक है | यहाँ के हर घरों और पंडालों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है |

चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है | इसलिए माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी गणेश चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक गणेश चतुर्थी के रूप में मानते है |

भगवान् श्री गणेश जी विद्या बुद्धि, विघ्नहर्ता, मंगलकारी, सिद्धिविनायक, समृद्धि,शक्ति और सम्मान के देवता माने जाते है | हर शुभ कार्यों में सर्वप्रथम इन्हीं का पूजन किया जाता है | 

गणेश चतुर्थी –  क्या लगाएं भोग 

  • भगवान गणेश जी को मोदक अति प्रिय है | इसीलिए इसका भोग अवश्य लगाएं |
  • आप मोतीचूर के लड्डूों का भोग लगा सकते है |
  • बप्पा को बेसन का लड्डू भी बहुत पसंद है | 
  • भोग के रूप में आप फल भी चढ़ा सकते है | 
  • 10 दिनों में आप खीर, मेवा लड्डू, कलाकंद और श्रीखंड का भोग लगा सकते है | 
गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी में क्या रखें ध्यान 

आजकल बाजारों में भगवान् गणेश जी की बहुत ही सुंदर मूर्तियाँ देखने को मिल जाती है | यह मूर्तियाँ मिटटी से बनी होती है जोकि सुन्दर होने के साथ – साथ इको फ्रेंडली भी होती है |

हमें पर्वो के साथ-साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखना है इसीलिए अपने घरों में इको फ्रेंडली मूर्तियों का ही प्रयोग करें |

आइये इस पावन पर्व को हम अपने परिवार के साथ मिल जुलकर मनाएं | 

भगवान गणेश जी की आरती |  

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा |

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ||

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥

एक दन्त दयावन्त,चार भुजा धारी |

मस्तक सिंदूर सोहे,मूस की सवारी ||

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा |

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ||

पान चढ़े फूल चढ़े,और चढ़े मेवा |

लडूअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा ||

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा |

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ||

अन्धन को आंख देत,कोढ़िन को काया |

बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया ||

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा |

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ||

सूर श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा |

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ||

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा |

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ||

दीनन की लाज रखो,शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो,जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥

हम उम्मीद करते है आपको हमारा यह आर्टिकल काफी पसंद आया होगा यदि आपके मन में इस विषय से जुड़ा कोई सवाल तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है | धन्यवाद |  

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