क्या है हायब्रिड ईवी कार की खासियत जो आपको कर देगी हैरान ?

विश्व में पेट्रोल और डीज़ल के दाम आसमान छूते जा रहे है |ऐसे में एक व्यक्ति अपनी कमाई का कुछ हिस्सा महंगे ईंधनों पर ही खर्च कर देता है इसलिए भारत सरकार देश में इथेनॉल से चलने वाली हायब्रिड ईवी कार चलाने का निर्णय किया है |
आइये जानते है ये कार क्यों है इतनी खास ?
आर्टिकल में 1 – भारत में टोयोटा हायब्रिड ईवी कार को हरी झंडी 2 – टोयोटा हायब्रिड ईवी कार क्यों है खास 2.1 हायब्रिड ईवी वाहनों से कम पैसों में लम्बा सफर 2.2 इथेनॉल कैसे बनता है और इसके उपयोग ? 3 – इथेनॉल से चलने वाली कारों के गुण 4 – ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन पर भी कार्य जारी 5 – इन देशों में यें कारें पहले से ही चल रही है 6 – भारत में इस तकनीकी को लेकर बढ़ रही है उत्सुकता |
भारत में टोयोटा हायब्रिड ईवी कार को हरी झंडी
भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को अपने निवास से टोयोटा की फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रांग हायब्रिड ईवी कार को हरी झंडी दिखाई |
साथ ही साथ इस कार को स्वयं चला कर इसका परीक्षण किया |
मंत्री जी ने बताया की इस पायलट प्रोजेक्ट पर काफी लम्बें समय से काम चल रहा था |
प्रोजेक्ट का कार्य अपने आखिरी चरण में है बहुत जल्द टोयोटा अपनी इस कार को भारत में लांच करेगा |
टोयोटा हायब्रिड ईवी कार क्यों है खास
- भारत में बहुत जल्द FFV (फ्लेक्स – फ्यूल वीइकल ) कारें चलने वाली है |इनमें खास बात यह है कि यह दो तरह के ईंधन पर चलती है |
- इनमें पेट्रोल और डीजल के अलावा ब्लेंडेड एथेनॉल और मेथनॉल का इस्तेमाल किया जाता है |
- ये कारें बाई फ्यूल वीइकल्स से अलग होती हैक्योंकि बाई फ्यूल वाहनों में दोनों ईंधन अलग- अलग टैंकों में स्टोर किये जाते है |
- इन वाहनों के इंजन एक वक्त में एक ही ईंधन का प्रयोग करते है |जैसे – सीएनजी, एलपीजी या हाइड्रोजन |
- टोयोटा की हायब्रिड ईवी कारों में 100 प्रतिशत पेट्रोल के साथ – साथ 20 से 100 प्रतिशत ब्लेंडेड एथेनॉल का प्रयोग किया जा सकता है |

हायब्रिड ईवी वाहनों से कम पैसों में लम्बा सफर
जैसा की आप जानते है कि पेट्रोल और डीजलों के दाम दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे है |
ऐसे में वाहन स्वामियों के ऊपर अतिरिक्त बोझ बढ़ता ही जा रहा है |
भारत में हायब्रिड ईवी वाहनों के आने पर काफी असर देखने को मिलेगा |
पेट्रोल डीजल 100 रुपए प्रति लीटर के करीब है वही इथेनॉल 60-65 रुपए प्रति लीटर में ही प्राप्त हो जाता है |
इथेनॉल कैसे बनता है और इसके उपयोग ?
- यह एक प्रकार का अल्कोहल है इसे बनाने के लिए मुख्यतः गन्ने का प्रयोग किया जाता है |
- गन्ने के अलावा अधिक शर्करा वाली चीजों से भी इसका निर्माण किया है |
- इथेनॉल बनाने के लिए गन्ने या अंगूर जैसे फलों की शर्करा का मंद गति से जल अपघटन किया जाता है | इस क्रिया की किण्वन कहते है |
- यह एक ईको फ्रैंडली फ्यूल है इससे वातवरण को किसी प्रकार की हानि नहीं होती है |
- एथेनॉल काम लागत में तैयार किया जा सकता है |
- यह ईंधन वाहनों के इंजन की गर्मी को बाहर निकालता है |
- इसे पेंट, वार्निश, गोंद में विलायक के रूप में, वाहनों में, स्प्रिट के रूप में, दवा के रूप में आदि प्रयोग में लाया जाता है |
इथेनॉल से चलने वाली कारों के गुण
- हायब्रिड ईवी कारें पर्यावरण के काफी अनुकूल होगी | इन कारों के इस्तेमाल से प्रदूषण में काफी रोकथाम आएगी |
- इस प्रकार के वाहन से कम खर्च में अधिक दूरी का सफर तय किया जा सकता है |
- इथेनॉल के प्रयोग के कारण ये वाहन ज्यादा फ्यूल एफिशिएंसी प्रदान करंगे और इंजन को लम्बे समय तक कार्य करने की शक्ति प्रदान करेंगे |
- ये वाहन और वाहनों को तुलना में अधिक किफायती होंगे |
- हायब्रिड ईवी कारें ईंधन में होने वाले खर्च को कम करेंगी |
कैसे काम करेगी यह तकनीक ?
इस प्रकार के वाहन फ्लेक्स फ्यूल पर आधारित होंगे |
फ्लेक्स फ्यूल पेट्रोल के साथ इथेनॉल और मेथेनॉल के मिश्रण से बनाया जाता है |
इस प्रकार के कारों दो या इससे अधिक ईंधन से चलाने के लिए इंजन में कुछ तकनीकी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है |
इस प्रकार के इंजन पूरी तरह पेट्रोल या इथेनॉल पर भी कार्य कर सकते है |
ग्रीन हाइड्रोजन ईधन पर भी कार्य जारी
- पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री ने ग्रीन हाइड्रोजन गैस पर आधारित वाहनों को भारत में चलाने की इच्छा प्रकट की है |
- भारत सरकार का यह पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा किया जायेगा |
- सरकार ऐसे वाहनों की खरीदारी पर सब्सिडी देने का विचार कर रही है |
- लोग इन वाहनों की खरीददारी में ज्यादा रुचि दिखाएंगे |
इन देशों में ये कारें पहले से ही चल रही है
भारत इस तकनीकी की शुरुआत करने जा रहा है जबकिदुनिया के कुछ देश है
जहां पहले से ही इस प्रकार के वाहन चल रहे है पश्चिमी देशो में यह तकनीकी ज्यादा देखने को मिलती है |
इस प्रकार की कारों की सबसे ज्यादा मांग ब्राजील, अमेरिका जैसे देशों में है |
भारत में इस तकनीकी को लेकर बढ़ रही है उत्सुकता
इस तकनीकी को लेकर भारत में काफ़ी उत्सुकता देखने को मिल रही है |
लोगों का मानना है कि इस प्रकार के वाहनों से भारत को एक नई गति मिलेगी |
सबसे अधिक वाहनों से निकलने वाले धुएं से होता है |ये तकनीकी भारत में बढ़ते प्रदूषण पर विराम लगाएगी |
मौजूदा समय में भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमशः 97 और 90 रुपए प्रति लीटर है |
जबकि इथेनॉल ईंधन की कीमत 60 से 65 रुपए प्रति लीटर है |
इन वाहनों के संचालन से व्यक्ति प्रति लीटर पर 30-35 रुपए की बचत कर सकता है |
यह भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी सकरात्मक परिणाम देगा |
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