5 Best Janvaro ki Kahani in Hindi | 5 सर्वश्रेष्ठ जानवरों की कहानी

5 Best Janvaro ki Kahani in Hindi | 5 सर्वश्रेष्ठ जानवरों की कहानी

jungle scene with a tiger snake, monkey, and a giraffe

बचपन में हम सभी कहानियों के काफी शौकीन हुआ करते थे | खासकर कही janvaro ki kahani मिल जाये तब तो पूरी कहानी पढ़ कर ही मानते थे |

आपको आज भी प्यासा कौआ, लालची कुत्ता, धोबी और उसका गधा जैसी कई कहानियाँ याद होंगी |

आइये इस आर्टिकल के द्वारा फिर एक बार अपने बचपन के दिनों में लौट चलते है और याद करते है वो दिन जब नए कोर्स के आते ही सबसे पहले हिंदी की कहानियों को पढ़ लिया करते थे | 

तो देर किस बात कि आइये सबसे पहले पढते है लालची लोमड़ी और अंगूर की कहानी 

लालची लोमड़ी और और खट्टे अंगूर

एक भूखी लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल में काफी देर से भटक रही थी |

तभी उसकी नज़र एक हरे-भरे बगीचे पर पड़ी, लोमड़ी ने सोचा जरूर वहां कुछ खाने की चीज होगी | 

यह सोचकर वह तुरंत बगीचे की ओर दौड़ी, अंदर आकर उसने देखा कि पूरा बाग अंगूर की बेलों से लदा है |

lalchi lomadi (1)

हर तरफ उसे अंगूर ही अंगूर नजर आ रहे थे, उसने सोचा कि ये अंगूर खाने को मिल जाये तो सारी भूख मिट जाये।

यह सोच कर उसने अंगूरों पर एक लम्बी छलांग लगाई लेकिन वहां तक पहुंच न सकी |

उसने सोचा की दुबारा कोशिश करती हूँ इस बार शायद ये अंगूर जरूर मिल जायेंगे, लेकिन उसकी दूसरी कोशिश भी विफल रही। 

इसी प्रकार उसने कई बार कोशिश की पर हर बार उसे असफलता ही मिली |

अंत में उसने कहा, ” ये अंगूर जरूर खट्टे है इसलिए मुझे नहीं मिले पा रहे है, इतना कहकर वह वहां से वापस चली गयी |  

सीख - बिना किसी चीज के परिणाम जाने उसके बार में गलत धारणा बनाना सही नहीं है |  

kahani 2 :मूर्ख भेड़िया

एक जंगल में एक भेड़ियां रहता था उसे दो दिन से कोई भी शिकार नहीं मिला | 

इस कारण उसे काफी भूख लगी थी | भोजन की तलाश में वह पूरे जंगल में घूमने लगा |

तभी अचानक उसे एक पेड़ के छेद में रोटी और मांस का टुकड़ा दिखा | 

यह खाना एक लकड़हारे का था जो जंगल में लकड़ी काट रहा था | भूखे भेड़िये ने छेद में घूस कर सारा खाना खा लिया |

जब लकड़हारा खाना खाने पेड़ के पास आया तो उसे अपने भोजन की बजाय वहां भेंड़िया दिखा |

लकडहारा समझ गया कि उसका सारा खाना उस भेड़िये ने खा लिया है |

उसने भेड़िये को पकड़ कर अच्छी तरह से पीटा | भेड़िये को अपनी गलती का काफी पछतावा हुआ |

सीख - हमें अपना पेट भरने के लिए किसी और को भूखा नहीं रखना चाहिए | 

janvaro ki kahani में अगली कहानी एक हाथी और उसके दोस्तों की है तो आइये इस कहानी से कुछ सीख ले

Janvaro ki kahani 3 :हाथी और उसके दोस्त 

एक हाथी जिसका नाम मोनू था | जंगल में सभी पशु पक्षियों के दोस्त थे पर मोनू का कोई भी दोस्त नहीं था |

इस बात से मोनू काफी परेशान रहता था | 

एक दिन वह दोस्त की तलाश करते हुए दूसरे जंगल आ गया |

जंगल में उसे एक बन्दर मिला | मोनू ने बन्दर से दोस्ती करनी चाही |

लेकिन बन्दर ने कहा,’’ मोनू भाई तुम मुझसे बहुत बड़े हो और मेरी तरह पेड़ो पर छलांग नहीं लगा सकते |

इसलिए मैं तुमसे दोस्ती नहीं कर सकता | मोनू आगे बढ़ा अब उसे एक खरगोश मिला |

मोनू ने खरगोश से दोस्ती की बात कही पर उसने भी दोस्ती के लिए इंकार कर दिया |

जंगल में उसे मेढक, लोमड़ी, भालू, जिराफ व अन्य कई जानवर मिले पर किसी ने मोनू से दोस्ती नहीं की |

अंत में वह निराश होकर एक पेड़ के नीचे बैठ गया | 

कुछ देर बाद उसने सभी जानवरों को भागते देखा |

मोनू ने एक भालू से पूछा, ”भाई तुम सब क्यों भाग रहे हो ?”

भालू ने कहा ,” जंगल में एक खूंखार बाघ है जो हम सभी को मारकर खाना चाहता है

इसलिए हम सभी जान बचा कर भाग रहे है |

मोनू ने जंगल के जानवरों की मदद करनी चाही | वह उस बाघ के पास गया

और जानवरों को न मरने की बात कही | बाघ ने मोनू की एक बात न सुनी | 

मोनू ने बाघ को एक जोर की किक मारी |

बाघ जमीन पर गिर पड़ा और लड़खड़ता हुआ जंगल से बाहर चला गया | 

सभी जानवरों को जब यह बात पता चली तो उन्होंने मोनू को धन्यवाद कहा और जंगल के सभी जानवर मोनू के अच्छे मित्र बन गए | 

सीख- सच्चे दोस्त हमेशा मुसीबत में साथ खड़े होते है |

kahani 4 :लोमड़ी और बकरी   

एक जंगल था जहां सभी जानवरो में काफी एकता थी |

एक दिन किसी बात को लेकर एक बाघ और लोमड़ी के बीच झगड़ा हो गया |

बाघ ने लोमड़ी को तेजी से दौड़या और लोमड़ी एक कुएं में जा गिरी |

लोमड़ी ने बाहर आने के लिए काफी प्रयास किया किन्तु वह असफल रही | उसी समय वहां से एक बकरी गुजर रही थी |

उसने लोमड़ी की आवाज सुनी | वह दौड़ के उस कुएं के पास गयी और देखी 

कि कुएं में एक लोमड़ी फंसी है | बकरी ने लोमड़ी से पूछा ,’’ बहन तुम यहां क्या कर रही हो ?  

लोमड़ी ने बकरी को उत्तर दिया ,” तुम्हें क्या लगता है

मैं यहाँ कुएं के मेंढ़को को जंगल के janvaro ki kahani सुनाने आयी हूँ |’’

क्या तुम्हे नहीं पता कि जंगल में सूखा पड़ गया है मै यहां पानी पीने आयी हूँ |

तुम भी आकर पानी पिलो वरना जंगल में कही नहीं पाओगी |

मूर्ख बकरी लोमड़ी की बातों में आ गयी | और कुएं में कूद पड़ी | 

बकरी के अंदर आते ही लोमड़ी ने उसकी पीठ पर पैर रख बाहर की ओर छलांग मारी |

बाहर आकर लोमड़ी ने बकरी से कहा।,”अरे मूर्ख मैं तुझे बेवकूफ बना रही थी |

ताकि मै कुएं से बाहर निकल सकूँ | अब तू इसी में मर |

इतना कहकर लोमड़ी वहाँ से भाग जाती है | और कुछ समय बाद बकरी वहीं मर जाती है | 

सीख- कोई भी काम करने से पहले विचार जरूर करें | 

kahani 5 : बन्दर और दो बिल्लियां   

एक बार की बात है दो बिल्लियों ने मिल कर एक रोटी चुराई |

दोनों ने उस रोटी पर अपना-अपना हक़ जमाना चाहा | इस बात को लेकर दोनों में झगड़ा हो गया |

पेड़ पर बैठा बन्दर उन दोनों की बातों को सुन रहा था | वह बिल्लियों के पास आकर बोला –

‘’ तुम दोनों आपस में झगड़ा मत करो | मेरे पास एक तराजू है इससे मै तुम दोनों को बराबर रोटी तौल कर बाँट दूंगा |

दोनों बिल्लियां बन्दर की इस बात से सहमत हो गयी | बन्दर ने रोटी तोड़कर तराजू के दोनों पलड़ो में रख दी | 

जिधर का भी पलड़ा भारी होता वह उसमे से एक निवाला तोड़ कर खा लेता |

ऐसा करते करते बन्दर ने पूरी रोटी खा ली |

अंत में बिल्लियों को कुछ भी हाथ नहीं लगा और उन्हें भूखे पेट ही रहना पड़ा |  

सीख- दूसरों की मदद मांगने से पहले हमें खुद ही अपनी समस्याओं का हल निकलना चाहिए

जंगल में एक खरगोश था वह दौड़ने में काफी तेज था | उसे अपनी दौड़ पर काफी घमंड था |

जंगल में वह धीरे चलने वाले जानवरों का मजाक बनाया करता था |

एक बार उसने एक कछुए को उसकी धीमी चाल के लिए काफी परेशान किया |

दोनों के बीच जमकर बहस हुई | यह बात सारस मुखिया तक जा पहुंची | 

सारस ने दोनों के बीच दौड़ प्रतियोगिता कराने की बात कही और कहा इस प्रतियोगिता में जो भी हारेगा उसे हमेशा के लिए जंगल छोड़ कर जाना होगा | 

दोनों ने सारस की इस शर्त को मान लिया | सारस मुखिया ने ठीक दो दिन बाद इस प्रतियोगिता को आयोजित करने की बात कही | 

प्रतियोगिता का दिन आया | खरगोश और कछुआ दोनों अपनी पूरी तैयारी के साथ आयोजन स्थल पर पहुंचे | प्रतियोगिता देखने जंगल के सभी जानवर पहुंचे |

बन्दर ने सीटी बजाकर दोनों को दौड़ने का इशारा किया | ख़रगोश तेज गति से भागकर काफी आगे निकल आया | उसने सोचा मै तो काफी आगे आ गया हूँ | कुछ देर पेड़ के नीचे आराम कर लूँ |  

इतना कहकर वह पेड़ के नीचे लेट गया और लेटते ही उसे नींद आ गयी और वह सो गया | दूसरी तरफ कछुआ धीरे- धीरे चलता रहा पर कही भी नहीं रुका |

वह खरगोश से आगे निकलकर प्रतियोगिता के अंतिम छोर तक पहुंच गया | और प्रतियोगिता जीत गया | जब खरगोश नींद से जागा तो उसे पता चला कि कछुआ प्रतियोगिता जीत चुका है |

उसे अपनी गलती का अहसाह हुआ | उसने कछुए से माफ़ी मांगी और उसे जीत की बधाई दी | दोनों अब अच्छे मित्र बन गए थे |  

सारस ने भी दोनों की इस मित्रता को देखते हुए खरगोश को जंगल में ही रहने दिया |  

सीख- कभी भी किसी का मजाक नहीं बनाना चाहिए | 

janvaro ki kahani से बच्चों को मिलती है अच्छी शिक्षा ? 

अक्सर छोटे बच्चे जंगली जानवरों में ज्यादा रुचि रखते है इसलिए इन्हें जंगली जानवरों की कहानी, कविता, नाट्य के द्वारा अच्छी शिक्षा दी जा सकती है |

आपको ऊपर दी गयी कहानी में कौन सी कहानी सबसे ज्यादा पसंद आयी हमे कमेंट करके जरूर बताये या हम जल्द आपके लिए janvaro ki kahani शीर्षक -2 लेकर आएंगे इसे पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे | धन्यवाद |

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