
हम सब ने गर्मियों के मौसम में अपने घर और दफ्तरों को ठंडा रखने के लिए AC का उपयोग तो किया ही होगा। पर क्या आपने कभी सोचा है कि ac kaise kam karta hai?
यदि नहीं तो आज इस आर्टिकल को पूरा पढिये । क्यों की इस आर्टिकल में हम आपको यह बताने जा रहें है कि AC कैसे काम करता है?
AC एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है जो गर्मियों में हमारी ज़िन्दगी को आसान और सुखद बनाता है। यह कमरे में शीतलता का माहौल बनाकर उसमें रहने वाले लोगों को आराम देता है।
वैसे आप सबको यह जानकर हैरानी होगी कि आपके घर में मौजूद एयर कंडीशनर फ़्रिज की तरह ही काम करता हैं। बस फर्क इतना है कि आपका फ़्रिज एक छोटे इन्सुलेटेड (insulated) जगह को ठंडा करता है। जबकि AC आपके कमरे, कार्यालय या वाणिज्यिक स्थान में एक खास तापमान को बनाये रखता है।
इसके साथ-साथ हम इस लेक में यह भी जानेंगे कि इन्वर्टर AC (inverter ac) क्या होता है ?
हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल से आपको अपने एयर कंडीशनर को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकेगी।
AC क्या है? / AC kya hai in hindi
AC का full form Air Conditioner होता है । जिसे हिंदी में वातानुकूलित यंत्र कहा जाता है।
Air Conditioner एयर-कंडीशनिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल करके इनडोर स्थानों (indoor places) में निश्चित तापमान और वायु शुद्धता को बनती और बनाए रखती है।
इस मशीन का इस्तेमाल प्रायः गर्मिओं में वक्तिगत आराम के लिये किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग औद्योगिक क्षेत्र में उन उपकरणों या मशीनरी के सही संचालन को सुनिश्चित करने के लिए भी किया जाता है। जिन्हें विशिष्ट पर्यावरणीय परिस्थितियों में संचालित करने की आवश्यकता होती है।
एक एयर कंडीशनिंग सिस्टम के तीन प्रमुख घटक होते है। जिनका विवरण हमने निचे दिया हुआ है। तीनों घटक आपस में साथ काम करते है।
मित्रों आर्टिकल में हम आगे जानेंगे कि ac kaise kam karta hai ? लेकिन इससे पहले यह जानना जरुरी है कि AC का अविष्कार किसने और कब किया था ?
AC का अविष्कार किसे किया ? Who invented Air conditioner

वर्ष 1840 के दशक में ही AC को बनाने का विचार फ्लोरिडा के डॉक्टर और अविष्कारक जॉन गोरी के मन में आ चुका था।
लेकिन इसको अंतिम स्वरूप साल 1902 में एक अमेरिकी इंजीनियर विल्स हाविलैंड करियर (Willis Haviland Carrier) ने दिया था।
और उन्होंने पहली बार इस AC का यूज़ ब्रुकलिन शहर की एक कम्पनी में किया था।
Carrier ने अपने दोस्तों और ग्राहकों की गर्म मौसम की शिकायतों को सुनकर इस उपकरण को बनाने का फैसला लिया। Carrier की इस खोज ने आज लोगों को बहुत बड़ी समस्या से निजाद दी है।
AC के फायदे
- गर्म मौसम में प्रभावी शीतलन प्रदान करता है।
- आरामदायक इनडोर वातावरण बनाता है।
- नमी के स्तर को कम करने में मदद करता है।
- प्रदूषकों को छानकर वायु की गुणवत्ता में सुधार करता है।
- सांस की स्थिति वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
AC के नुकसान
- महत्वपूर्ण मात्रा में ऊर्जा की खपत करता है।
- उच्च बिजली बिलों में योगदान देता है।
- नियमित रखरखाव और सफाई की आवश्यकता है।
- हवा और त्वचा में रूखापन पैदा कर सकता है।
- ऑपरेशन के दौरान शोर पैदा कर सकता है।
ac kaise kam karta hai?
जब आप AC का स्विच ऑन करके Temperature Set करते है, तब AC में लगा Thermostat कमरे के तापमान को AC में सेट किये गए तापमान में परिवर्तित करता है ।
जिसकी वजह से कमरे में बैठे हुए व्यकित को निम्न तापमान का अहसास होता है। दोस्तों AC के अंदर भी फ्रिज की तरह एक रेफ्रिजरेंट का प्रयोग होता है जो कमरे के वातावरण को ठंडा बनाये रखने में मदद करता है।
एयर कंडीशन के पूरा सिस्टम 4 मुख्य भागों में बंटा हुआ है इनके नाम कुछ इस प्रकार है Evaporator, Compressor, Condenser, Expansion valve
ac kaise kam karta hai इसको समझने के लिये आपको ac के सभी पार्ट्सके बारे में जानना बेहत जरुरी है। क्योंकि यह सभी पार्ट एक साथ काम करते है और आपके रूम के तापमान को नियंत्रित करने में मद्दद करते है ।
AC के पार्ट्स
1. बाष्पीकरणकर्ता (Evaporator)

एक एयर कंडीशनिंग सिस्टम में एक बाष्पीकरणकर्ता की प्राथमिक भूमिका आसपास की हवा से गर्मी को अवशोषित करना और शीतलन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना है।
बाष्पीकरणकर्ता में कॉइल का एक नेटवर्क होता है जिसमें तरल रेफ्रिजरेंट होता है। जैसे ही गर्म हवा इन कॉइल के ऊपर से गुजरती है, उनके अंदर का रेफ्रिजरेंट गर्मी को सोख लेता है, जिससे यह गैस में वाष्पित (evaporate) हो जाता है।
जिसके कारण ऊपर से गुजरने वाली हवा ठंडी हो जाती है। बाष्पीकरणकर्ता हवा से गर्मी के साथ साथ नमी को भी हटाने का काम करता है।
2. कंप्रेसर (Compressor)

जिस प्रकार हृदय मनुष्य के लिये एक महत्वपूर्ण अंग होता है जिसके बिना वो जीवित नहीं रह सकता। उसी प्रकार बिना दिल के ac kaise kam kar skta hai?
एक एयर कंडीशनिंग सिस्टम में कंप्रेसर को अक्सर “दिल” के रूप में जाना जाता है।
एक कंप्रेसर का प्राथमिक कार्य रेफ्रिजरेंट गैस को circulate (प्रसारित) और कंप्रेस (संकुचित ) करना होता है, जो इनडोर हवा से गर्मी को अवशोषित करने के लिए जिम्मेदार होता है।
जब एयर कंडीशनर चालू होता है, तो कंप्रेसर बाष्पीकरणकर्ता कॉइल (evaporator coil) से कम दबाव, कम तापमान वाली रेफ्रिजरेंट गैस प्राप्त करता है।
यह इस गैस को कंप्रेस (संकुचित ) करता है, जिससे इसका तापमान और दबाव बढ़ जाता है। नतीजतन, रेफ्रिजरेंट उच्च दबाव, उच्च तापमान वाली गैस में बदल जाता है।
यह कंप्रेस (संकुचित ) गैस तब कंडेनसर कॉइल में जाती है। रेफ्रिजरेंट गैस को कंप्रेस करके, कंप्रेसर इमारत के अंदर से बाहर तक गर्मी के हस्तांतरण को सक्षम बनाता है।
कंडेनसर (Condensor)

जैसे ही गर्म रेफ्रिजरेंट कंडेनसर में प्रवेश करती है तो एक पंखा कंडेनसर कॉइल के ऊपर हवा उड़ाता है। जिससे कारण रेफ्रिजरेंट की गर्मी आसपास के वातावरण में फैल जाती है।
इस हीट एक्सचेंज प्रक्रिया रेफ्रिजरेंट को गर्म गैस से ठंडा तरल अवस्था में बदल देता है। तरल अवस्था में आने के बाद रेफ्रिजरेंट वापस इवेपोरेटर में चला जाता है। जहाँ यह एक बार फिर से कमरे की हवा से गर्मी को अवशोषित करता है।
विस्तार वाल्व (Expansion Valve)

विस्तार वाल्व सिस्टम के उच्च दबाव और कम दबाव वाले पक्षों के बीच बाधा के रूप में कार्य करता है।
जब तरल रेफ्रिजरेंट इस वाल्व के उच्च दबाव वाले क्षेत्र से कम दवाब वाले क्षेत्र में आता है तो दबाव में गिरावट के कारण रेफ्रिजरेंट कम दबाव और कम तापमान वाला मिश्रण में बदल जाता है।
दबाव में यह बदलाव रेफ्रिजरेंट के तेजी से वाष्पित करने का कारण बनती है। और वह आसपास की हवा से गर्मी को अवशोषित करता है।
दोस्तों ac kaise kam karta hai ? इसे सामान्य तरीके से समझा जाये तो कहा जा सकता है कि AC में एक कूलिंग फ्लूइड रेफ्रिजरेंट होता है। और कंप्रेसर की मद्दत से यह रेफ्रिजरेंट कमरे के बढे हुए तापमान को कम करता है।

AC में किस गैस का प्रयोग किया जाता है ?
अब तक हमने जाना ac kaise kam karta hai? अब हम बात करेंगे कि AC में किस गैस का प्रयोग किया जाता है।
R-22 (फ्रीऑन)
ये एक हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन (HCFC) रेफ्रिजरेंट है, जिसका कई वर्षों से AC में व्यापक रूप से यूज़ किया जाता रहा है।
हालाँकि, इसकी ओजोन-क्षय क्षमता के कारण इसे अब चरणबद्ध तरीके से उपयोग से बहार किया जा रहा है, और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए वैकल्पिक रेफ्रिजरेंट का उपयोग किया जा रहा है।
R-410A
ये एक हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC) रेफ्रिजरेंट है, जो आमतौर पर आधुनिक AC सिस्टम में उपयोग किया जाता है।इसे R-22 की तुलना में पर्यावरण के अधिक अनुकूल माना जाता है। क्योंकि इसमें क्लोरीन नहीं होता है ।
R-134A
यह एक अन्य HFC रेफ्रिजरेंट है, जो आमतौर पर ऑटोमोटिव एयर कंडीशनिंग सिस्टम में उपयोग किया जाता है।
R-407C
यह HFC रेफ्रिजरेंट का मिश्रण है, जो आमतौर पर व्यावसायिक एयर कंडीशनिंग सिस्टम में उपयोग किया जाता है।
एयर कंडीशनिंग सिस्टम में गैस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह मनुष्यों में फैले रक्त के सामान होती है।
जिस प्रकार खून हमारे शरीर में पोषक तत्वों और ऑक्सीजन को वहन करता है। वैसे ही गैस गर्मी को वहन करती है और एसी प्रणाली में तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है।
यह दर्शाता है कि ac kaise kam karta hai।
AC के प्रकार क्या है? / Types of AC in hindi
हम में से कई लोगों को यह लगता है कि AC सिर्फ दो प्रकार के होती है विंडो AC और स्प्लिट AC लेकिन ऐसा नहीं है। आज के समय में बाजार में 8 प्रकार के एयर कंडीशनर चलन में है। तो आइये जानते है इनके बारे में।
सेंट्रल एयर कंडीशनर (Central Air Conditioner)

केंद्रीय एयर कंडीशनर पूरी इमारत या एक बड़े क्षेत्र को ठंडा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें तीन मुख्य घटक होते हैं: भवन के बाहर स्थित कंप्रेसर इकाई, भवन के अंदर evaporator coil, और डक्ट वर्क (duct work) जो पूरे क्षेत्र में ठंडी हवा वितरित होती है। यह पूरे क्षेत्र में लगातार और समान शीतलन प्रदान करता है।
पोर्टेबल एयर कंडीशनर (Portable Air Conditioner)

पोर्टेबल एयर कंडीशनर एक विशेष प्रकार का एयर कंडीशनर है, जो आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है ।
इसे आप अपने घर के अलग-अलग कमरों में आवश्यकतानुसार उपयोग में ला सकते है। ये उन स्थानों के लिए अनुकूल है, जहां आप एक विंडो एयर कंडीशनर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। जैसे कि किराये के मकानों, या छोटे ऑफिसों में आदि।
पैकेज्ड टर्मिनल एयर कंडीशनर (Packaged Terminal Air Conditioner )

पैकेज्ड टर्मिनल एयर कंडीशनर (PTAC) एक ऐसा एयर कंडीशनर है जो आमतौर पर होटल और रेस्टोरेंट्स जैसी जगहों पर प्रयोग में लाया जाता है। यह एक विशेष प्रकार का विंडो एयर कंडीशनर है जो सीधे दीवार में लगाया जाता है।
PTAC को इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि इससे शून्य प्रतिशत शोर भी न उत्पन्न हो साथ साथ प्रयोग किये जाने वाले स्थान को कम समय में ठंडा बना सके।
जियोथर्मल एयर कंडीशनिंग सिस्टम (Geothermal Air Conditioning System)

जियोथर्मल एयर कंडीशनिंग सिस्टम एक प्रकार का ऊर्जा संचय तंत्र होता है। अगर आप अब यह सोच रहे होंगे कि यह ac kaise kam karta hai तो आपको बता दें कि यह जमीन के अंदर से प्राप्त ऊर्जा के द्वारा वातावरण को ठंडा रखता है।
यह AC धरती के भीतर मौजूद तापमान और ऊर्जा का इस्तेमाल करती है। इसकी खास बात यह कि काफी अधिक तापमान होने पर भी यह अपना कार्य बड़ी कुशलता से जारी रखती है।
इस सिस्टम में, एक भू-ताप पंप उपयोग किया जाता है। जो क़ि भूमि के अंदर से ऊर्जा लेता है और उसे एक निश्चित तापमान तक पंप करता है।
फिर ये ऊर्जा एक स्पेशल पावर इलेक्ट्रॉनिक यूनिट द्वारा प्रयोग में लायी जाती है। जो वातावरण को ठंडा या गर्म करने में काफी सहायता प्रदान करती है।
देखा जाए तो ये AC वातावरण को अधिक स्वस्थ रखता है, और ऊर्जा की खपत भी कम करता है।
वॉल-माउंटेड एयर कंडीशनर सिस्टम (Through-the-wall Air Conditioner / Wall Mounted)

वॉल-माउंटेड एयर कंडीशनर के रूप में भी जाना जाने वाला एक थ्रू-द-वॉल एयर कंडीशनर, एक शीतलन प्रणाली है जिसे सीधे भवन की बाहरी दीवार में स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आवासीय और वाणिज्यिक दोनों अनुप्रयोगों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है।
थ्रू-द-वॉल एयर कंडीशनर आमतौर पर एक थर्मोस्टेट द्वारा नियंत्रित होते हैं जो उपयोगकर्ताओं को वांछित तापमान सेट करने की अनुमति देता है।
वे अक्सर अतिरिक्त सुविधाओं जैसे पंखे की गति, टाइमर सेटिंग्स और सुविधा के लिए रिमोट कंट्रोल के साथ आते हैं।
Hybrid / Dual Fuel Air Conditioner

हाइब्रिड / ड्यूल फ्यूल एयर कंडीशनर एक ऐसा एयर कंडीशनिंग सिस्टम है, जो दो विभिन्न प्रकार के ऊर्जा स्रोतों, जैसे कि विद्युत और गैस का उपयोग करता है।
इस सिस्टम का उद्देश्य ऊर्जा की बजत करना है ताकि ग्रीन हाउस प्रभाव से बचाव किया जा सके।
Window Air Conditioner

विंडो एयर कंडीशनर एक छोटी शीतलन इकाई है जिसे खिड़की या दीवार में स्लॉट में फिट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह कमरे से यूनिट में गर्म हवा खींचकर काम करता है। गर्म हवा रेफ्रिजरेंट युक्त कूलिंग कॉइल के ऊपर से गुजरती है, जो गर्मी को अवशोषित करती है।
ठंडी हवा को फिर कमरे में वापस उड़ा दिया जाता है। जबकि गर्म हवा और नमी को बाहर निकाल दिया जाता है।
एक विंडो एयर कंडीशनर को थर्मोस्टेट का उपयोग करके नियंत्रित किया जाता है, और इसके लिए आमतौर पर पास में एक पावर आउटलेट की आवश्यकता होती है।
यह एक कमरे या एक छोटे से क्षेत्र को ठंडा करने का एक सरल और सस्ता तरीका है।
स्प्लिट AC vs विंडो AC
विंडो और स्प्लिट एयर कंडीशनर दोनों ही कूलिंग के उद्देश्य को पूरा करते है। परन्तु इनमें कुछ अंतर होता है।
जैसे उनके इंस्टालेशन के तरीकों, डिजाइन, कूलिंग कैपेसिटी और एयर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम। स्प्लिट एयर कंडीशनर बड़े क्षेत्रों को ठंडा करने के लिये इस्तेमाल किये जाते है क्यों की वह अधिक लचीलापन और बेहतर वायु वितरण प्रदान करते है।
जबकि विंडो एयर कंडीशनर installation में काफी सरल होते हैं। और वह छोटे स्थानों के लिए उपयुक्त होते हैं।
- विंडो Air Conditioner आमतौर पर सिर्फ सफेद कलर में मिलते हैं । जबकि स्प्लिट एयर कंडीशनर आज के डिमांड के अनुसार कई कलर और स्टाइल में आते हैं।
- Split AC को एक प्रोफेशनल द्वारा ही इंस्टाल किया जा सकता है। जबकि विंडो AC क़ो आप खुद भी इंस्टॉल कर सकते हैं।
- Window AC, साइज में छोटे और चौड़े होते हैं, जो छोटे कमरों को जल्दी ठंडा कर देते हैं। जबकि Split AC को बड़ो कमरो के अनुसार डिजाइन किया गया है । इसलिए विंडो एसी की तुलना में स्प्लिट थोड़ा अधिक समय लेते है।
- स्प्लिट AC vs विंडो AC में विद्युत् खपत की बात की जाये तो इन दोनों में कुछ खास अंतर नहीं है, क्योंकि स्प्लिट AC हो या विंडो AC, दोनों की समान रेटिंगवाले होते है। और दोनों ही सामान ऊर्जा की खपत करते है।
- स्प्लिट AC की तुलना में विंडो AC अधिक शोर करते है। इसलिए विंडो AC क़ो बड़े-बड़े ऑफिस या मॉर्डन घरों में प्रयोग करने से बचा जाता है। हालांकि अगर आपका बजट कम है तो आप इसे अवश्य प्रयोग कर सकते है।
- Window Air Conditioner का मेंटेनेंस चार्ज भी काफी कम रहता है। वहीं Split Air Conditioner के इंटरनल पार्ट थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड तरीके से फिक्स होते है, जिसे एक एक्सपर्ट या पेशेवर ही इनस्टॉल कर सकता है। इसलिए इनका मेंटेनेंस चार्ज अधिक रहता है।
- यदि आप एक ऐसी जॉब करते है जिसमे आपको बार बार स्थान बदलना पड़ता है तो स्प्लिट AC के बजाय विंडो AC क़ो ही चुने ऐसा इसलिए क्योंकि स्प्लिट AC पोर्टेबल नहीं होते हैं। जबकि विंडो AC क़ो आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं।
AC में स्टार रेटिंग का क्या होता है?
AC के लिए इस स्टार रेटिंग प्रणाली भारत में Bureau of Energy Efficiency (BEE) द्वारा बनाया गया । ये उपभोक्ता एसी मॉडल की ऊर्जा बचत के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
1 स्टार रेटिंग सबसे कम जबकि 5 स्टार रेटिंग सबसे अधिक ऊर्जा कुशल वाली AC होती हैं। स्टार रेटिंग की गणना AC के Seasonal Energy Efficiency Ratio (SEER) या Indian Seasonal Energy Efficiency Ratio (ISEER) के आधार पर तय की जाती है। किसी AC की SEER या ISEER रेटिंग जितनी अधिक होती है, वह उतना ही अधिक ऊर्जा कुशल होता है।
उदाहरण के लिए
1 टन से कम कूलिंग क्षमता वाले स्प्लिट AC के लिए, न्यूनतम ISEER रेटिंग 3-स्टार रेटिंग के लिए 3.10।
4-स्टार रेटिंग के लिए 3.50 और 5-स्टार रेटिंग के लिए 4.00 है।
इसी तरह, 1 टन से कम कूलिंग क्षमता वाले विंडो AC के लिए न्यूनतम ISEER रेटिंग 3-स्टार रेटिंग के लिए 2.7, 4-स्टार रेटिंग के लिए 3.3 और 5-स्टार रेटिंग के लिए 3.5 है।
सामान्य तौर पर, एक अच्छे स्टार रेटिंग वाला AC समय के साथ संचालित करने के लिए अधिक ऊर्जा बचाने और लागत प्रभावी होगा, क्योंकि ये उसी कूलिंग आउटपुट के लिए कम बिजली की खपत करेगा। इसलिए, लंबे समय में बेहतर ऊर्जा बचत तथा अच्छी स्टार रेटिंग वाले AC ही खरीदने चाहिए ।
इसे ऐसे समझ सकते है कि यदि आपके घर में 2 स्टार AC है और वो 1 घंटे तक चलता है, तो 1.2 यूनिट की बिजली की खपत करता है और आपके घर में 3 स्टार एसी है, तो वह एक घंटा चलने में के लिए 0.96 यूनिट बिजली की खपत करता है।
ठीक इसी प्रकार 5 Star AC सबसे कम ऊर्जा खपत करते है। वह एक घंटे में मात्र 0.8 यूनिट बिजली ही खाते है। तो इस प्रकार से यदि आपके घर 5 स्टार रेटिंग वाला AC है और आप दिन में उसे 8 से 9 घंटे तक चलाते हैं, तो वो वह एक दिन में लगभग 6.5 यूनिट बिजली की खपत करेगा। और पुरे महीने में लगभग 192 यूनिट बिजली।
AC Power Consumption Calculator
Inverter AC क्या होता है और यह ac kaise kam karta hai ?
इन्वर्टर एयर कंडीशनर (AC) कंप्रेसर मोटर की गति को नियंत्रित करने के लिए इन्वर्टर तकनीक का उपयोग करता है।
नॉन -इन्वर्टर एयर कंडीशनर (AC) में कंप्रेसर मोटर एक निश्चित गति से चलता है। जिससे मोटर को चलने वाली ऊर्जा पर कोई असर नहीं पड़ता।
सरल भाषा में समझे तो चाहें अपने टेम्परेचर 19 डिग्री रखा हो या फिर 25 डिग्री आपका कंप्रेसर एक सामान गति से चलेगा सर उसके चलने के समय में अंतर होगा।
जो की थर्मोस्टेट द्वारा निर्धारित होगा। जितनी जल्दी रूम क टेम्परेचर आपके निर्धारत टेम्परेचर के बराबर हो जायेगा उल्टी जल्दी आपका कंप्रेसर बंद हो जायेगा।
उदारण के लिये
इस को समझने के लिये कल्पना कीजिए कि आपके पास एक ऐसी गाड़ी है जिसमे गति नियंत्रित करने के लिये मात्र दो ही विकल्प मौजूद है फुल थ्रॉटल या नो थ्रॉटल।
आप जब अप्पको एक इस्थिर गति पानी होगी तब आपको accelerator को पहले कुछ समय तक पूरा दबाना होगा और फिर मनचाही गति आने पर उसको पूरा छोड़ना होगा।
इस तरह से बारी-बारी दबाने और छोड़ने के बीच समंजस बना के आपको अपनी यात्रा पूरी करनी होगी। पर इस तरह की ड्राइविंग में अधिक ईंधन की खपत होगी और ड्राइविंग का आपका अनुभव भी सहज नहीं होगा।
इसके विपरीत, एक कार जिसमे चर गति नियंत्रण हो। वो आपको स्थिर गति बनाए रखने के लिए त्वरक पेडल को थोड़ा समायोजित करने की अनुमति देती है।
यह आपको अधिक नियंत्रण प्रदान करती है साथ ही ईंधन की बचत भी करती है। और एक सहज ड्राइविंग अनुभव प्रदान करता है।
इसी तरह, एक इन्वर्टर एसी कमरे के तापमान और कूलिंग की जरूरतों के अनुसार कंप्रेसर मोटर की गति को समायोजित करता है और बिजली की बचत सुनिश्चित करता है।
1 टन एसी में कितने वाट होता है?
एक टन का AC किसी भी वाट के साथ सीधे जुड़ा नहीं होता है। एयर कंडीशनर की वाट की आवश्यकता आपके उपयोग के अनुसार भिन्न होती है।
AC की वाट की आवश्यकता उसकी क्षमता या उसके कुल उपयोग से निर्भर करती है।
उदाहरण के लिए, एक घर के लिए 1 टन का एसी आमतौर पर 1200 वाट की आवश्यकता होती है।
एक औसत दुकान के लिए एक टन के एसी की आवश्यकता 3500 से 4500 वाट के बीच हो सकती है।इसलिए, एक टन के एसी की आवश्यकता उसके उपयोग के आधार पर भिन्न भिन्न होती है।
Star Rating | 1.5 Ton AC | Maximum Wattage (Est.) |
---|---|---|
1-Star | 1.5 Ton AC | 2,400 Watts |
2-Star | 1.5 Ton AC | 2,200 Watts |
3-Star | 1.5 Ton AC | 2,000 Watts |
4-Star | 1.5 Ton AC | 1,800 Watts |
5-Star | 1.5 Ton AC | 1,600 Watts |
अगर आप AC खरीदने की प्लानिंग में है, तो अब हम आज के हिसाब से 10 बेस्ट AC का नाम बता रहे है, अगर आपका बजट अच्छा है, तो एक इन AC की details जरूर देखे :
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FAQ
AC में सामान्य तौर पर 24-26 डिग्री सेल्सियस (°C) के बीच तापमान उपयोग करना उचित माना गया है। हालांकि, आप अपनी सुविधा के अनुसार कम या ज्यादा कर सकते है।
AC का पावर कंजप्शन एसी के कैपेसिटी साइज और इस्तेमाल पर डिपेंड करता है। नॉर्मल 1 टन विंडो एसी का पावर कंजप्शन 1.2 यूनिट प्रति घंटा और 2 टन पावर कंजप्शन 1.5 यूनिट प्रति घंटे होता है। इसके विपरीत सामान पावर की स्प्लिट एसी का पावर कंजप्शन लगभग 0.8 से 1.2 यूनिट प्रति घंटे होता है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों, उम्मीद करते है आज इस आर्टिकल में आपको AC क्या है? और Inverter AC क्या होता है और यह ac kaise kam karta hai ? से जुड़ी और भी जरूरी जानकारी प्राप्त हो गयी होंगी। यदि यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ हो तो इसे अपने मित्रो में जरुर शेयर करे।
दोस्तों अगर आपको AC से जुड़ी और भी कई अन्य जानकारियां प्राप्त करनी हो, तो कमेंट जरूर करें।