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सोलर फ्लेयर्स के कारण पृथ्वी पर किसी बड़ी आपदा आने के कयास लगाए जा रहे है।
इस समय भू-चुंबकीय तूफानों का सामना कर रहा है। जिसकी वजह से सूर्य से लगातार कोरोनल मास इजेक्शन (CME), सोलर फ्लेयर (Solar Flare) आदि तत्व निकल रहे हैं।
रूसी वैज्ञानिकों ने एक शक्तिशाली सोलर फ्लेयर के आने की भविष्यवाणी कर दी है। इस सोलर फ्लेयर के आने से पृथ्वी पर संचार प्रोटोकॉल प्रभावित हो सकते हैं। रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वैज्ञानिकों ने 3 सोलर फ्लेयर देखे हैं।
क्या होते है सोलर फ्लेयर्स
सोलर फ्लेयर्स सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा के विलीन होने के कारण उत्पन्न होते हैं। ये फ्लेयर्स रोशनी और अणुकों के रूप में सौर मंडल में प्रसारित होते हैं।
ये सौर फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट होते हैं और उनमें ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो अरबों हाइड्रोजन बमों के बराबर होते है।
इनमें मौजूद ऊर्जावान कणों की गति उनके यात्रा पथ को निर्धारित करती है। सोलर फ्लेयर्स शॉर्ट-वेव रेडियो ब्लैकआउट के अलावा उपग्रहों और संचार उपकरणों को भी हानि पहुंचा सकते हैं।
सोलर फ्लेयर्स धरती के लिए कैसे खतरनाक
सूर्य की गतिविधियों के कारण धरती पर अस्थायी रूप से शॉर्ट-वेव रेडियो संचार प्रभावित हो सकता है। यह वजनवाली X-कक्षा के सोलर फ्लेयर्स के कारण होता है, जिन्हें सबसे शक्तिशाली फ्लेयर माना जाता है।
रूसी फेडोरोव इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड जियोफिजिक्स के अनुसार, इन सोलर फ्लेयर्स का प्रभाव हमारे ग्रह पर हो सकता है।
इसके परिणामस्वरूप, पृथ्वी पर अस्थायी रूप से शॉर्ट-वेव रेडियो बंद हो सकता है। शॉर्ट-वेव रेडियो उच्च आवृत्ति का उपयोग सेनाओं, समुद्री परिवहन आदि के लिए किया जाता है।
वैज्ञानिकों ने जिन सोलर फ्लेयर्स का पता लगाया है, उनमें से एक लगभग 14 मिनट तक चले रहे।
2025 तक और बढ़ेगी सूर्य में हलचल
पिछले साल, सूर्य में हुए एक महत्वपूर्ण विस्फोट के कारण, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के 40 नए स्टारलिंक सैटेलाइट्स नष्ट हो गए थे।
सूर्य में जारी हलचलों का दौर सन् 2025 में अपने पीक पर पहुंचेगा। यह सौर मैक्सिमम काल कहलाता है, जिसमें सूर्य बहुत उग्र हो जाता है। इसके दौरान सूर्य पर सनस्पॉट उभर रहे हैं, जिसके कारण पृथ्वी पर सौर तूफान आ रहे हैं।