दिनांक 31.01.2024 के प्रमुख समाचार

ऑनलाइन सुरक्षित रहने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

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Cyber Apradh एक समस्या बनते जा रहे हैं। यदि इससे बचना है तो लालच व लापरवाही से बचना होगा। आपकी जरा सी गलती पर साइबर अपराधी आपको बड़ी हानि पहुंचा सकते हैं।

कुछ ऐहतियात बरतने से आप Cyber Apradh बच सकते हैं:

  1. सोशल मीडिया पर अनजान लोगों को न ही फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट  भेजें और न ही स्वीकार करें।
  2. सोशल मीडिया अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए प्राइवेसी और सिक्योरिटी फीचर का इस्तेमाल करें।
  3. फेस बुक जैसे एप पर अपनी प्रोफाइल लॉक रखें।
  4. फेस बुक और एक्स जैसे एप से सम्बन्धित घटनाओं को रिपोर्ट करने के लिए रिक्वेस्ट यूजर का इस्तेमाल करें।
  5. अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व कैमरे का जब इस्तेमाल न कर रहें हो तब इन्हें बंद रखें।
  6. अपने सोशल मीडिया अकाउंट को मजबूत और अलग पासवर्ड के साथ टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
  7. न्यूनतम 8 कैरेक्टर का मजबूत और जटिल पासवर्ड बनाएं और पासवर्ड को निरंतर बदलते रहें।
  8. Cyber Apradh से बचने के लिये हमेशा गूगल प्ले और आईओएएस स्टोर से ही एप डाउनलोड करें।
  9. किसी से भी अपना वित्तीय विवरण जैसे कि यूजर आईडी, पासवर्ड, ओटीपी , कॉर्ड नंबर या सीवीवी साझा न करें।
  10. सभी खातों में एक जैसा पासवर्ड न रखें।
  11. बैंकिंग लेनदेन के लिए पब्लिक वाई फाई का इस्तेमाल न करें।
  12. अजनबियों की सलाह पर कोई एप न इंस्टाल  करें।
  13. अपना पासवर्ड, खाता नंबर या अन्य कोई विवरण मोबाईल पर सेव न करें।
  14. किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।

वायरलेस कंप्यूटर चिप का सफल प्रत्यारोपण

neuralink

अब लकवा बीमारी से रोगी अपनी सोच से कम्प्यूटर और मोबाईल चला सकेंगे। यह आश्चर्यजनक है पर सत्य साबित होता दिखाई दे रहा है। वो भी एक चिप की बदौलत। न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी  न्यूरालिंक ने इंसानी दिमाग में पहली बार वायरलेस कम्प्यूटर चिप प्रत्यारोपित करने में सफलता पाई है।

भविष्य में इसकी बदौलत किसी नेत्रहीन को रोशनी भी लौट सकती है और बधिर लोग सुन भी सकते हैं।

यह भी बताया गया कि जिस व्यक्ति को यह चिप लगी है वह तेजी से स्वस्थ हो रहा है।

इस प्रक्रिया के तहत दिमाग में इलेक्ट्रोड प्रत्यारोपित करते हैं। इस उपकरण में 1000 से अधिक इलेक्ट्रोड हैं।

इस तकनीक से मिर्गी व पार्किनसन के मरीजों को भी लाभ होगा। चिप की मदद से लकवाग्रस्त रोगी अपने आसपास के लोगों से बात कर सकते हैं।

इस चिप का नाम टेलीपैथी रखा गया है और इसे बाज़ार में आने में अभी 5 से 10 साल का समय लग सकता है।

उत्तर प्रदेश असिस्टेंट टीचर्स की पदोन्नति पर लगा सवाल

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक अध्यापकों की प्रोन्नति के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण आदेश सरकार को दिया है। कोर्ट ने अपनी टिपणी में कहा है कि वह प्रोन्नति के पहले एनसीटी ई ( राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) द्धारा जारी 11.09.2023 की अधिसूचना पर निर्णय ले।

इस अधिसूचना के तहत N.C.E.T  एनसीटीई ने जूनियर बेसिक, नर्सरी स्कूलों के प्रधानाध्यापक, अध्यापिका और सीनियर बेसिक स्कूलों के सहायक, प्रधानाध्यापक, अध्यापिकाओं के पदों पर प्रोन्नति के लिए टीईटी अनिवार्य किया है।

यह आदेश खंडपीठ ने एक याचिका पर पारित किया है। याचिका में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा ( अध्यापक) सेवा नियमावली 1981के नियम 18 की वैद्यता को चुनौती दी गई है।

जारी होगी ASI की रिपोर्ट

ज्ञानवापी

सिविल जज सीनियर डिवीजन की फास्ट ट्रैक कोर्ट मगंलवार को ज्ञान वापी परिसर में हुए ASI (ए. एस. आई) की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों को देने का आदेश दिया।

कोर्ट ने इस संबंध में आपत्ति आदि की सुनवाई के लिए 5 फरवरी की तिथि तय की है। ए एस आई ने गत 24 जनवरी को सर्वे रिपोर्ट अदालत में सौंप दी थी।

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