Kisan Andolan: सरकार की प्रस्तावित योजना को किसानों ने नकारा
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Kisan Andolan News :किसान आन्दोलन के समाधान की कोशिश एक बार फिर नाकाम होती दिखाई दे रही है। हालांकि यह बहुत ही दुखद और चिंताजनक है।
केंद्र की मोदी सरकार ने 18 फ़रवरी को किसानों के सामने एक प्रस्ताव रखा था। जिसके तहत किसानों के साथ 5 फसलों जिनमे मक्का, कपास, अरहर, मसूर और उड़द की दाल शामिल है उनकी खरीद के लिए 5 साल का अनुबंध किया जाना था।
किसान नेताओं ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया था। पर संयुक्त किसान मोर्चा ने 19 फरवरी को चण्डीगढ़ में हुई बैठक में इसे सिरे से नकार दिया।
सरकार चाहती है कि किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रेरित किया जाए। इसके विपरीत किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी पर अड़े हुए हैं।
अपनी माँगो को लेकर किसान हरयाणा पंजाब बॉर्डर में डटें हुए है। उनकी मांग है की उनको प्रदर्शन करने के लिये दिल्ली जाने दिया जाये अब यह देखना दिलचस्प होगा की यह kisan andolan किस दिशा में मुड़ता है।
बाफ्टा अवार्ड्स में रहा 'ओपनहाइमर' की धूम
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ब्रिटेन की राजधानी लंदन में रविवार को 77 वे बाफ्टा अवार्ड्स ( ब्रिटिश एकेडमी फिल्म अवार्ड्स) की धूम रही।
फिल्म ओपनहाइमर ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म समेत सबसे ज्यादा 7पुरस्कार अपने नाम किए। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ प्रमुख अभिनेता, बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के अवार्ड से नवाजा गया।
इस फिल्म को बाफ्टा में सबसे ज्यादा 13 श्रेणियों में नामांकन मिले थे।ब्रिटिश एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन आर्ट्स (BAFTA) फिल्म अवॉर्ड्स 2024 का आयोजन लंदन में हुआ।
डेविड टेनेंट रॉयल फेस्टिवल हॉल में पहली बार 2024 ईई बाफ्टा फिल्म पुरस्कार समारोह की मेजबानी की।
‘ओपेनहाइमर’ नामक फिल्म ने इस दौरान कुल सात बाफ्टा अवॉर्ड अपने नाम किए। इसके अलावा ‘पुआर थिंग्स’ फिल्म ने भी पांच श्रेणियों में अवॉर्ड जीते।
David Tennant kicks off the 2024 #EEBAFTAs 🤩 pic.twitter.com/lUo2tEbcKs
— BAFTA (@BAFTA) February 19, 2024
डेविड टेनेन्ट बाफ्टा अवार्ड्स की शुरुआत करते हुए
मधुमेह रोगियों के घावों का नया इलाज
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छाले, खरोंच, चोट, घाव – ये सभी जीवन का हिस्सा हैं। लेकिन यदि किसी को डायबिटीज हो, तो ये छोटी-मोटी चोटें भी बड़ी समस्या बन सकती हैं।
डायबिटीज में घावों को ठीक होने में अधिक समय लगता है। शुगर लेवल के नियंत्रित के साथ साथ, घावों की निगरानी और सही ड्रेसिंग की जरूरत होती है।
शोधकर्ताओं ने मधुमेह रोगियों के पुराने घावों का प्रभावी ढंग से उपचार करने में कामयाबी हासिल की है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने यह संभव कर दिखाया।
टीम ने प्लाज्मा एक्टिव हाइड्रोजेल थेरेपी (पीएएचटी) का इस्तेमाल किया। इसमें एंटीबायोटिक या ड्रेसिंग की आवश्यकता नहीं होती है।
दुनिया में 54 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं जिसमें से 30% पैर के गंभीर घाव से जूझते हैं। ऐसे में यह थेरेपी बहुत ही लाभकारी साबित हो सकती है।
Congrats to @UniSAFII scientist Dr Endre Szili and his breakthrough treatment for #chronicwounds using #plasma, published in the prestigious journal @AdvSciNews. The treatment is a natural alternative to #antibiotics and silver-based dressings https://t.co/N17B8fAcgX pic.twitter.com/kfXIoCGj1M
— UniSA (@UniversitySA) February 19, 2024
घावों की देखभाल: डायबिटीज में घावों को ठीक करने के उपाय
1. अपने शरीर की नियमित व सावधानीपूर्वक जांच करें और किसी छाले, खरोंच या घाव को नजरअंदाज न करें।
2. घावों को सही ड्रेसिंग करें और डॉक्टर से उपाय जानें।
3. अपने रक्त शुगर का स्तर नियंत्रित रखने के लिए संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
4. रोजाना व्यायाम करें, जैसे कि योगा या वॉकिंग, ताकि रक्त संचार में सुधार हो।
बीमा पॉलिसी धारकों की हुई बल्ले बल्ले
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इरडा अर्थात् इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बीमा पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत पॉलिसी धारक के लिए फ्री लुक अवधि को दोगुना किया जाएगा।
पहले पॉलिसी धारक को अपनी पॉलिसी लौटाने के लिए 15 दिनों का समय मिलता था। इस नयी दिशा निर्देश में इसको बढ़ाकर 30 दिन करने का प्रस्ताव रखा गया है।
पॉलिसी धारक नई पॉलिसी खरीदने पर यदि उसे किसी वजह से बंद करना चाहता है तो वह पॉलिसी से बाहर भी निकल सकता है।
ऐसी दशा में बीमा कंपनी को, पॉलिसी खरीदते वक्त जमा किया गया प्रीमियम पॉलिसी धारक को वापिस करना होगा। इरडा ने एक प्रस्ताव यह भी रखा है कि बीमा कंपनियों को पॉलिसी जारी करते समय नॉमिनेशन का पूरा विवरण होगा।
बैंक खाते का विवरण भी जुटाने को कहा गया है ताकि दावों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से धारक को लौटाया जा सके।
कानपुर में युवाओं के लिये नौकरियों का रास्ता खुला
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नए साल में कानपुर के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। मेगा लेदर क्लस्टर और ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं से नौकरियां बढ़ेंगी।
इसके साथ ही उत्पादों का निर्यात भी बढ़ेगा। डिफेंस कॉरीडोर और मेगा लेदर क्लस्टर में 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा।
जबकि ट्रांसगंगा सिटी में 15 हजार करोड़ से अधिक के निवेश की उम्मीद है। मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना के लिए 235 एकड़ों में 800 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
इससे 50 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार वित्तीय सहायता देगी।
सूत्रों के अनुसार यह विकास कार्य मार्च से पहले ही शुरू हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रधान मंत्री जी ने करोड़ों की औद्योगिक परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
कानपुर में हुई ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में साल भर पहले इन्वेस्टर्स समिट में मजबूत औद्योगिक संरचना का सपना धरातल में उतारा गया। 243 औद्योगिक इकाइयों के आने से कानपुर में 20491 करोड़ के निवेश का रास्ता खुल गया।
सर्दी में सुकड़ा आलू
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इस साल 29 दिसंबर 2023 से 13 फरवरी 2024 तक औसत से अधिक सर्दी और पाले का असर आलू की फसल पर पड़ा। दवा के छिड़काव से फसल तो सुरक्षित हो गई पर आलू का कद औसत से छोटा रह गया।
45 दिनो की सर्दी में आलू सिकुड़ गया। कानपुर जिले के हर ब्लॉक में आलू का उत्पादन 10-15% तक कम दिख रहा है।
एक दशक में यह पहला मौका होगा जब सर्दी अधिक पड़ने से आलू का उत्पादन कम हुआ है।
सर्द पछिया हवा के थपेड़ों ने ठिठुरन बढ़ा दी है, जिससे लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहे हैं। उत्तर-पश्चिमी राज्यों में ठंड के कारण खेती और पशुपालन पर भी असर हो रहा है।
न्यूनतम तापमान लगातार 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा रहा है और अधिकतम तापमान भी लगभग 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास है।
इससे धूप का असर कम हो रहा है और जनजीवन में अस्तव्यस्तता आ गई है।
कृषि विज्ञान के वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे जाए तो आलू और सरसों में पाला की आशंका होती है।
इस समय रात के समय तापमान काफी कम हो जाता है, जिससे आलू में झुलसा का प्रकोप हो सकता है।
इससे बचाव के लिए फफूंदनाशी या सल्फर का छिड़काव किया जा सकता है।
डॉक्टर राजीव रंजन सिन्हा के अनुसार, ठंड में विशेष सतर्कता बरतने के लिए बुजुर्गों को गर्म कपड़े पहनने और गर्म भोजन का सेवन करने की सलाह दी जा रही है।
बच्चों की खास देखभाल की जरूरत है, जैसे कि उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं और खुली हवा में बिना गर्म कपड़ों के ना जाएं।